पिताजी पर लिख पाऊं 👔,
ऐसा अल्फाज कहां से लाऊं ❤️👔,
मेरी जेब तो आज भी उनके 👴,
दिए सिक्कों से भरती है! 🌟
पिताजी पर लिख पाऊं 👔,
ऐसा अल्फाज कहां से लाऊं ❤️👔,
मेरी जेब तो आज भी उनके 👴,
दिए सिक्कों से भरती है! 🌟
Copyright © 2025 Shayari.Studio All Right Reserved