सारा दिन लग जाता है खुद को समेटने में 🌃😴,
फिर रात को यादों की हवा चलती है 😊🌙,
और हम फिर से बिखर जाते हैं! 🌙😊
सारा दिन लग जाता है खुद को समेटने में 🌃😴,
फिर रात को यादों की हवा चलती है 😊🌙,
और हम फिर से बिखर जाते हैं! 🌙😊
Copyright © 2025 Shayari.Studio All Right Reserved