हर रोज़ गिर कर भी मुकम्मल खड़े हैं

हर रोज़ गिर कर भी मुकम्मल खड़े हैं 👊,
एै ज़िन्दगी देख 🙌,
मेरे हौंसले तुझसे भी बड़े हैं! 🙌

Himmat Shayari