बचपन में जहां चाहा हंस लेते थे 👫,
जहां चाहा रो लेते थे 👫,
पर अब 👦👫,
मुस्कान को तमीज़ चाहिए 👫,
और आंसूओं को तनहाई! 👦👶
बचपन में जहां चाहा हंस लेते थे 👫,
जहां चाहा रो लेते थे 👫,
पर अब 👦👫,
मुस्कान को तमीज़ चाहिए 👫,
और आंसूओं को तनहाई! 👦👶
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